मोहब्बत वो है जो एहसास को समझे,मिलते हैं जहाँ में बहुत अपना कहने वाले,पर अपना वो है जो बिन कहे हर बात समझे। ?।
शायरी जो दिल छू जाएकौन कहता है संवरने से बढ़ती है खूबसूरती

- जीने के लिए नहीं चाहा है तुम्हें,तुम्हें चाहने के लिए जीते अब हम।कौन कहता है संवरने से बढ़ती है खूबसूरती,दिल मैं चाहत हो तो चेहरे यू ही निखर आते है। सब ने चाहा कि उसे हम ना मिलें,हम ने चाहा उसे गम ना मिलें,अगर ख़ुशी मिलती है उसे हम से जुदा होकर,तो दुआ है ख़ुदा से कि उसे कभी हम ना मिलें। जिसको याद करने से होठों पे मुस्कराहट आ जाये…ऐसा एक खूबसूरत ख़याल हो तुम कोई दिल की ख़ुशी के लिए,तो कोई दिल्लगी के लिए..हर कोई प्यार ढूंढता है यहाँ,अपनी तनहा सी ज़िन्दगी के लिए दर्द तो सभी को होता है,बस हमदर्द नसीब वालों को मिलते हैं। तड़प रहे हैं हम तेरे एक अल्फाज के लिएअपनी खामोशी तोड़ दे हमे जिंदा रखने के लिए शिक़वा करूँ भी तो किससे?दर्द भी मेरा है, और दर्द देने वाला भी मेरा। दिल को हज़ार चीखने चिल्लाने दीजिए,जो आपका नही है उसे जाने दीजिए। बेवफाओ की इस दुनिया में संभल कर चलना दोस्तों…यहां लोग मोहब्बत से भी बर्बाद कर देते हैं। एक तुम ही तो थे जिससे सब कुछ कहने को मन करता था,वरना हम तो आसू भी पलकें बंद करके बहाते थे। साथ छोड़ने वालों को तो बस एक बहाना चाहिए,वरना निभाने वाले तो मौत के दरवाजे तक साथ निभाते हैं। जिन्दगी है चार दिन की कुछ भी ना गिला कीजिये…दवा, जाम, इश्क या जहर जो भी मिले मजा लीजियें। ये फासले तो हमारी तकदीर में लिखे हैं,वरना हम तो मरना भी आपकी बाहों में चाहते हैं। बेवफाओ की इस दुनिया में संभल कर चलना दोस्तों…यहां लोग मोहब्बत से भी बर्बाद कर देते हैं। अजीब कहानी है इस मोहब्बत की भी,जिसने कदर की उसे मिली नहीं, सुना है इस महफिल में कई सारे शायर हैतो सुनाओ वो वाली शायरी जो दिल के आर पार हो जाए। मोहब्बत समेट लेती है.. ज़माने भर के रंज-ओ-ग़म..सुना सनम अच्छा हो तो.. काँटे भी नही चुभते। बड़ी गहराई से चाहा है तुझे,बड़ी दुआओं से पाया है तुझे,तुझे भुलाने की सोचु भी तो कैसे,किस्मत की लकीरो से चुराया है तुझे। मोहब्बत ऐसी हो एक दिन बात हो,दूसरे दिन मुलाकात हो और तीसरे दिन बारात हो।-चाहने वाले तो मिलते ही रहेंगे तुझे सारी उम्र,बस तू कभी जिसे भूल न पाए वो चाहत हमारी होगी।आदत सी लग गई है तुझे हर वक़्त सोचने कीअब इसे प्यार कहते हैं या पागलपन ये मुझे पता नहीं। इंतज़ार की आरज़ू अब खो गयी है,खामोशियो की आदत हो गयी है,न शिकवा रहा न शिकायत किसी से,अगर है तो एक मोहब्बत,जो इन तन्हाइयों से हो गई है। ?
अहसास लिखूँ जज़बात लिखूँ

प्यार वो है जो जज्बात को समझे,मोहब्बत वो है जो एहसास को समझे,मिलते हैं जहाँ में बहुत अपना कहने वाले,पर अपना वो है जो बिन कहे हर बात समझे। ? मजबूरी के साथ कभी मुझे प्यार मत करना,एहसान करके मुझे कभी खुशिया दान मत करना,दिल करे तो सच्चा प्यार करना वरना…झूठी अफवाओं से मुझे बदनाम ना करना। ? मेरी ज़िन्दगी में दर्द तो बहोत हैं,मगर कभी किसी को दिखाया नहीं औरबिना दिखाए मेरे दर्द को समझ सकेऐसा खुदा ने मेरे लिए कोई बनाया नहीं। ? पास नही हो फिर भी तुम्हे प्यार करते हैं,देखकर तस्वीर तुम्हारी तुम्हे याद करते हैं,दिल में इतनी तड़प है,के हर वक्त तेरे मिलने की फरियाद करते हैं! रब करे ज़िंदगी में ऐसा मुकाम आए,मेरी रूह और जान आपके काम आए,हर दुआ में बस यही मांगते हैं रब से किअगले जन्म में भी.. तेरे नाम के साथ मेरा नाम आये। ? रोती हुई आँखो मे इंतेज़ार होता है,ना चाहते हुए भी प्यार होता है,क्यू देखते है हम वो सपने,जिनके टूटने पर भी उनके सच होने का इंतेज़ार होता है! मुझे पता नहीं है कि मोहब्बत क्या चीज है,बस इतना पता है किहजारों दिल तोड़ने पड़ते हैं एक यार की खातिर। मोहब्बत सब्र के अलावा कुछ नहीं,हमने हर इश्क़ को इंतज़ार करते देखा हैं। ? अहसास लिखूँ जज़बात लिखूँ यातेरी शोख अदाओं के अंदाज लिखूँ,मेरे ज़हन में वो लफ्ज़ कहाँकि तेरे हुस्न की तमाम बात लिखूँ। ? चाँद की रोशनी में भी ना जाने कैसा सुरूर होते है,हम जिसे भी चाहते है वो अक्सर हमसे दूर होता है। ? कभी जो थक जाओ तुम दुनिया की महफ़िलों सेतो मुझे आवाज़ दे देना हम आज भी अकेले रहते हैं। ? आधा ख्वाब, आधा इश्क़, आधी सी है बंदगी,मेरे हो पर मेरे नही.. कैसी है ये जिंदगी ? मुकम्मल कहां हुई जिन्दगी किसी कीआदमी कुछ खोता ही रहा कुछ पाने के लिए। ? दो कदम तो सब चल लेते हैं परजिंदगी भर कोई साथ नहीं देताअगर रोने से भूला दी जाती यादेंतो हंसकर कोई गम न छुपाता। ? काश कोई होता.. काश कोई होता..जो गले लगा कर कहे की पागल रोया ना कर…मुझे भी तेरे दर्द से दर्द होता है। ? साथ भीगें बारिश में अब यह मुमकिन नहीं,चलो भीगतें हैं यादों में, तुम कहीं हम कहीं। ? शक तो था मोहब्बत में नुकसान होगापर सारा मेरा ही होगा ये मालूम न था। पसन्द बदल सकती हैलेकिन प्यार नहीं बदलता। ? मेरे रूह में इतने गहरे तक उतर गए हो तुम कितुम्हें भूलने को मुझे कम से कम इक बार तो मरना ही होगा। इंतजार हार गया है
एक चाहत होती है, जनाब अपनों के साथ जीने की,
- क्योंकि किसी की जिद,किसी के दर्द से बड़ी हो गई पता नहीं तुम्हें यकीन क्यों नहीं आतामेरा दिल तुम्हारे सिवा किसी और को नहीं चाहता। ? हर पल उससे मिलने की चाहत क्यों होती है,हर पल उसकी ज़रुरत क्यों होती है,जिसे हम पा नही सकते,खुदा जाने उसी से मोहब्बत क्यों होती है। ? मेरी तन्हाइयों में भी वो मेरे साथ चलती हैं,वो शख़्स कुछ इस क़दर मुझ पर एहसान करती हैं। आँखों से कहो प्यार का अंदाज ना बदलें,साँसो से कहो दर्द का साज़ ना बदलें,आयेगा कभी प्यार का मौसम भी किसी रोज़…धड़कनों से कहो रूह का हमराज ना बदलें तेरी यादो को पसन्द आ गई है मेरी आँखों की नमी,हँसना भी चाहूँ तो रूला देती है तेरी कमी! मुझे तेरा साथ जिंदगी भर नहीं चाहिये,बल्कि जब तक तु साथ है तब तक जिंदगी चाहिये चुप-चुप रहोगे तो बात कौन करेगा,हम ना होंगे तो याद कौन करेगा,माना कि हम इतने अच्छे नहीं…कि हम आपको पल पल याद आएंगेपर हम ना रहे तो आपको परेशान कौन करेगा। हम अफ़सोस क्यो करे कि कोई हमें ना मिला,अफ़सोस तो वो करे, जिन्हे हम ना मिले। तुम्हारी खुशियों के ठिकाने तो बहुत होंगे,लेकिन हमारी बेचैनियो की वजह सिर्फ तुम हो! मुझे तेरा साथ जिंदगी भर नहीं चाहिये,बल्कि जब तक तु साथ है तब तक जिंदगी चाहिये! रिश्ता ऐसा हो जिस पर नाज हो,कल जितना भरोसा था उतना ही आज हो। ना कोई किसी से दूर होता है,ना कोई किसी के करीब होता है,खुद चलकर आता है जब कोई….किसी का नसीब होता है। तेरे ही किस्से तेरी कहानियाँ मिलेंगी मुझ में,न जाने किस-किस अदा से तू आबाद है मुझ में! कभी न कभी वो मेरे बारे में सोंचेगी ज़रूर..के हासिल होने की उम्मीद भी नही थी, फिर भी वफ़ा करता था! एक चाहत होती है, जनाब अपनों के साथ जीने की,वरना पता तो हमें भी है कि.. ऊपर अकेले ही जाना है। होती है महसूस तेरी मौजूदगी हर पल,तू हर वक्त मुझमें शुमार सा है,मेरे खुदा ने मुझको बख्शी हैं जितनी सांसें,उन सांसों का तू भी हिस्सेदार सा है। ताले लगा दिए दिल को अब उसका अरमान नहीं,बंद होकर फिर खुल जाए ये कोई दुकान नहीं खुदा करे वो मोहब्बत जो तेरे नाम से है,हजार साल गुजरने पे भी जवान ही रहे वो रख ले कहीं अपने पास हमें कैद करके,काश कि हमसे कोई ऐसा गुनाह हो जाये। टपकती है निगाहों से बरसती है अदाओं से,मोहब्बत कौन कहता है कि पहचानी नहीं जाती। मोहब्बत नाम है जिसका वो ऐसी क़ैद है यारों,कि उम्रें बीत जाती हैं सजा पूरी नहीं होती।
हम तो आपकी मुस्कुराहटों में समाये है

हसरतें मचल गई जब,तुमको सोचा एक पल के लिए,सोचो तब क्या होगा जब,मिलोगे मुझे उम्र भर के लिए। ये लकीरें ये नसीब ये किस्मत,सब फ़रेब के आईनें हैं,हाथों में तेरा हाथ होने से ही,मुकम्मल ज़िंदगी के मायने हैं। ज़िन्दगी से यही गिला है मुझे,तू बहुत देर से मिला है मुझे,तू मोहब्बत से कोई चाल तो चल,हार जाने का हौसला है मुझे। संभाले नहीं संभलता है दिल,मोहब्बत की तपिश से न जला,इश्क तलबगार है तेरा चला आ,अब ज़माने का बहाना न बना। हम ना अजनबी हैं ना पराये हैं,आप और हम एक रिश्ते के साये है,जब जी चाहे महसूस कर लीजियेगा,हम तो आपकी मुस्कुराहटों में समाये है। तेरी रजा रहे.. और तू ही तू रहे,बाकी न मैं रहूँ.. न मेरी आरजू रहे,जब तक कि तन में जान. रगों मे लहू रहे,बस तेरा हो जिक्र या तेरी जुस्तजू रहे। बेबसी मेरी कभी समझो ज़रा,दिल मेरा आकर कभी पढ़ लो ज़रा,ज़ख़्म तूने जो दिए कैसे सहें,प्यार तुम्हें भी है कभी कह दो ज़रा! बड़ी मुद्दत से चाहा है तुझे,बड़ी दुआओं से पाया है तुझे,तुझे भुलाने की सोचूं भी तो कैसे,किस्मत की लकीरों से चुराया है तुझे। हम ना अजनबी हैं ना पराये हैं,आप और हम एक रिश्ते के साये है,जब जी चाहे महसूस कर लीजियेगा,हम तो आपकी मुस्कुराहटों में समाये है तेरी रजा रहे.. और तू ही तू रहे,बाकी न मैं रहूँ.. न मेरी आरजू रहे,जब तक कि तन में जान.. रगों मे लहू रहे,बस तेरा हो जिक्र या तेरी जुस्तजू रहे। बेबसी मेरी कभी समझो ज़रा,दिल मेरा आकर कभी पढ़ लो ज़रा,ज़ख़्म तूने जो दिए कैसे सहें,प्यार तुम्हें भी है कभी कह दो ज़रा! बड़ी मुद्दत से चाहा है तुझे,बड़ी दुआओं से पाया है तुझे,तुझे भुलाने की सोचूं भी तो कैसे,किस्मत की लकीरों से चुराया है तुझे। इस से पहले की सारे ख्वाब टूट जाएँ,और यह ज़िन्दगी हम से रूठ जाए,एक दुसरे के प्यार में खो जाएँ इस कदर,के हम सारे ग़मों को भूल जाएँ इश्क़ दिल में हो और मन में चोर ना हो,बादल बरसे और शोर ना हो,रात जाये फिर भी भोर ना हो,कलियाँ चटके भौंरों का शोर ना हो,उफ्फ.. इतनी क़ातिल अदाओ पर भी गौर ना हो,तलाश.. तुम पर ही खत्म,हमसफर अब कोई और ना हो। तुम्हारे बिन हमें ये जिन्दगी अच्छी नहीं लगती,सनम तेरी निगाहों की नमी अच्छी नही लगती,मुझे हासिल हुई दुनियां की दौलत और ये शोहरत,मिला सब कुछ मगर तेरी कमी अच्छी नहीं लगती. मुझको छूकेमुझको छूके पिघल रहे हो तुम ,मेरे हमराह जल रहे हो तुम।चाँदनी छन रही है बादल से ,जैसे कपड़े बदल रहे हो तुम।पायलें बज रही हैं रह रह कर ,ये हवा है कि चल रहे हो तुम।नींद भी टूटने से डरती है ,मेरे ख़्वाबों में ढल रहे हो तुम।
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