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चीज़ें तब तक नहीं सुधारेंगी जब तक आदर्शवादी, दृढ़ संकल्प वाले और प्रतिबद्ध लोग वहाँ नहीं पहुंचेंगे और उसे बेहतर नहीं बनाएँगे।

केंद्रीय परीक्षा बोर्ड का एंडोर्समेंट प्राप्त करिए:

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अपने कौशल, दिलचस्पी और अनुभव के आधार पर तय करिए कि आपके लिए कौन सी श्रेणी और स्तर उचित होगा

  • चाहे आप पर्यावरण की दुर्दशा को बचाना चाहते हों, या ग़रीब इलाकों को अपनी अर्थ व्यवस्था विकसित करने में मदद करना चाहते हों, या किसी प्रगतिशील कारण के लिये काम करना चाहते हों, यूनाइटेड नेशंस के पास आपके लिए आदर्श काम हो सकता है। यूनाइटेड नेशंस एक विशाल एम्पलॉयर (employer) है और उसके पास उसी तरह से विभिन्न कैरियर और उनमें आगे बढ्ने के अवसर हैं, जैसे कि विशाल निजी कंपनियों में होते हैं। अधिकांश पोज़ीशन्स (positions) के लिए भीषण प्रतियोगिता होती है, मगर ढेर सारी तैयारी और थोड़े से भाग्य से आपको यूएन में वह काम मिल सकता है जिसका सपना आपने देखा हो। यूएन में कैरियर विकल्प जानने के लिए रिसर्च करिए: यह जानने के लिए यूएन की वेबसाइट को देखिये कि कितने विभिन्न प्रकार के काम वहाँ पर उपलब्ध हैं। आपकी सर्वाधिक दिलचस्पी किन क्षेत्रों में है? क्या इन क्षेत्रों के लिए योग्यता आपके पास पहले से ही है? क्या जिन क्षेत्रों में आप करना चाहते तो हैं मगर अभी आपके पास उनके लिए योग्यता नहीं है? काम ढूँढने से पहले थोड़ी रिसर्च कर लीजिये। जानकारी के लिए इन वेबसाइट्स को देखिये: यूएन की आधिकारिक वेबसाइट (http://careers.un.org) यूएन जॉब फ़ाइंडर वेबसाइट (http://unjobfinder.org) यूएन जॉब लिस्ट वेबसाइट (http://unjoblist.org) तय करिए कि आप किस स्टाफ़ श्रेणी के लिए प्रयास करना चाहते हैं: यूएन कैरियर, विभिन्न स्टाफ़ श्रेणियों में बंटे हुये हैं, जिसमें से प्रत्येक के लिए कुछ विशेष शिक्षा बैकग्राउंड और विशेषज्ञता का क्षेत्र चाहिए होता है। ये श्रेणियाँ आगे विभिन्न स्तरों के जॉब (job) में बंटी होती हैं जिनके लिए भिन्न-भिन्न कार्य अनुभव की आवश्यकता होती है। अपने कौशल, दिलचस्पी और अनुभव के आधार पर तय करिए कि आपके लिए कौन सी श्रेणी और स्तर उचित होगा। ये कुछ विकल्प हैं: प्रोफ़ेशनल तथा उच्च श्रेणियाँ (पी तथा डी) सामान्य सेवा तथा सम्बद्ध श्रेणी (जी, टीसी, एस, पीआईए, एलटी) राष्ट्रीय प्रोफ़ेशनल अधिकारी (एनओ) फ़ील्ड सेवा (एफ़एस) वरिष्ठ नियुक्तियाँ (एसजी, डीएसजी, यूएसजी तथा एएसजी) सुनिश्चित करिए कि आपके पास वांछित शिक्षा और अनुभव हो: प्रत्येक कैरियर विकल्प के लिए किसी विशेष शिक्षा और अनुभव की आवश्यकता होती है। किसी भी जॉब में आवेदन करने से पहले सुनिश्चित करिए कि आपके पास सभी वांछित आवश्यकताएँ हैं। अगर आपके पास वे नहीं हैं, तब आपका आवेदन स्वीकार नहीं किया जाएगा। यूएन में अनेक पोज़ीशन्स के लिए ये कुछ सामान्य आवश्यकताएँ हैं: अंग्रेज़ी या फ्रेंच में फ्लुएंसी, जो संस्था की वर्किंग भाषाएँ हैं। अतिरिक्त भाषाओं में फ्लुएंसी (fluency), खास तौर पर अरबी, चीनी, स्पेनिश, या रूसी भी अधिकांश पोज़ीशन्स के लिए सहायक होती है। स्नातक या उससे उच्च उपाधि। कुछ निम्न स्तरीय जनरलिस्ट (generalist) पोज़ीशन्स (अधिकतर सामान्य सेवा कैटेगरी में क्लर्क या सेक्रेटरी स्तर के काम) के लिए केवल हाई स्कूल डिप्लोमा और सामान्यतः, सम्बद्ध कार्य अनुभव की आवश्यकता होती है, मगर यूएन की अधिकांश पोज़ीशन्स के लिए कम से कम स्नातक उपाधि की आवश्यकता होती ही है। अनेक विशेषज्ञ पोज़ीशन्स के लिए विशेषज्ञता के क्षेत्र में उच्च डिग्री की ज़रूरत होती है। सम्बद्ध क्षेत्र में कार्य अनुभव। आप किस पोजीशन के लिए आवेदन कर रहे हैं उसके आधार पर आपके पास शायद 1-7 वर्ष तक के कार्य अनुभव की आवश्यकता हो सकती है। उपलब्ध जॉब्स को ब्राउज़ (browse) करिए: यूएन सचिवालय में वर्तमान वैकेन्सीज़ को देखने के लिए यूएन इम्प्लॉइमेंट वेबसाइट देखिये[२] । आप सभी यूएन संगठनों में वैकेन्सीज़ देखने के लिए UNjobfinder का इस्तेमाल कर सकते हैं। वैकेन्सीज़ को लगातार अपडेट किया जाता है, इसलिए अगर आपको तुरंत ऐसी कोई पोजीशन नहीं दिखाई पड़ती है जहां आपके लक्ष्य और क्वालिफ़िकेशन्स (qualifications) सही बैठ रहे हों, तब अक्सर उसको देखते रहिए। “My UN” अकाउंट के लिए रजिस्टर करिए: यूएन इम्प्लॉइमेंट वेबसाइट के टॉप पर “Register as a User” विकल्प पर क्लिक करिए। आपको अपना नाम, ईमेल, जन्म तिथि भरने की ज़रूरत होगी, इसके साथ ही आपको एक यूज़र नेम और पासवर्ड भी बनाना होगा। अपनी “Personal History Profile” (PHP) बनाइये: जब आप रजिस्टर कर लेंगे तब आपको पीएचपी (PHP) बनाने के लिए प्रॉम्प्ट किया जाएगा। यह प्रोफ़ाइल आपकी गोपनीय ऑनलाइन रिज़्युमे (resume) होगी, और इसमें आपके बारे में सभी सामान्य जानकारी, आपकी शिक्षा और आपके इम्प्लॉइमेंट का इतिहास होगा। आपको इसे केवल एक बार पूरा करना होगा, मगर अगर आप चाहेंगे तब विभिन्न वैकेंसीज़ के लिए आप इसे एडिट कर सकते हैं। आप पीएचपी को तुरंत पूरा कर सकते हैं, या चाहें तो बाद में कभी उसे भर सकते हैं। उसे पूरा करने में 30 मिनट से एक घंटा लग सकता है और आप कभी भी अधूरी प्रोफ़ाइल छोड़ सकते हैं और बाद में आ कर उसे पूरा कर सकते हैं। सुनिश्चित करिए कि आपकी पीएचपी सम्पूर्ण हो, विस्तृत हो, तथा एक्यूरेट (accurate) हो और बिलकुल सटीक हो। जब आप किसी पोजीशन के लिए आवेदन करेंगे तब पीएचपी ही पहली (और शुरू में एकमात्र) चीज़ होगी जिसे रिक्रूटर देखेगा। अगर आप अपनी क्वालिफ़िकेशन्स को रिप्रेज़ेंट करने में बढ़िया काम नहीं करेंगे, या आपके प्रोफ़ाइल में स्पेलिंग और व्याकरण की ग़लतियाँ होंगी तब आपके आवेदन पर ध्यान नहीं दिया जाएगा। आप जब चाहें तब अपने पीएचपी को अपडेट कर सकते हैं, मगर सुनिश्चित करिए कि जब आप लिस्ट की हुई वैकेन्सी के लिए वास्तव में आवेदन करें तब वह बिलकुल ठीक हालत में हो। आप जिस जॉब के लिए आवेदन कर रहे हैं उसे चुन लीजिये: यह सुनिश्चित हो जाइए कि आप उसकी सभी आवश्यकताओं को पूरा करते हों; अगर नहीं हो, तब या तो आपके पास इसका कोई बहुत अच्छा कारण होना चाहिए कि रिक्रूटर आपकी कमियों को किन कारणों से नज़रअंदाज़ करे, अन्यथा आवेदन ही मत करिए। यूएन वेबसाइट में यह स्पष्ट कर दिया गया है कि आप जितनी वैकेन्सीज के लिए चाहें उतनी के लिए आवेदन कर सकते हैं, मगर तब आपकी विश्वसनीयता को चोट पहुंचेगी जब आप ऐसी पोज़ीशन्स के लिए आवेदन करेंगे जिनके लिए आप क्वालिफ़ाइड नहीं हैं। चयनित वैकेन्सी के लिए ऑनलाइन निर्देशों का पालन करके आवेदन करिए: आपको प्रॉम्प्ट किया जाएगा कि उस वैकेन्सी के लिए आवश्यक किसी भी और जानकारी के साथ अपने पीएचपी के सबसे हाल के वर्ज़न (version) को जमा करिए। अगर आवश्यक हो तब अपने आवेदन को जमा करने से पहले पीएचपी को अपडेट कर लीजिये। ईमेल एड्रेस दीजिये ताकि वे आपके आवेदन की पावती आपको भेज सकें। अगर आपको 24 घंटे के अंदर पावती न मिले, तब पुष्टि के लिए उनको फिर से लिखिए। इंटरव्यू के निमंत्रण का इंतज़ार करिए: केवल इंटरव्यू के लिए चयनित उम्मीदवारों से ही संपर्क किया जाएगा, और इसमें कुछ समय भी लग सकता है। आप अपने “My UN” अकाउंट पर अपने आवेदन का स्टेटस (status) “Application History” में देख सकते हैं। अनेक पोज़ीशन्स के लिए विचार किए जाने के लिए आपको किसी परीक्षा में उत्तीर्ण होना पड़ सकता है। आप जिस खास वैकेन्सी के लिए आवेदन कर रहे हैं उसके लिए जो निर्देश हों, उनका पालन करिए। सुनिश्चित करिए कि आप एलीजीबल (eligible) हैं: युवा प्रोफ़ेशनल्स कार्यक्रम (वाईपीपी) प्रतिभावान युवकों और युवतियों के लिए है जिनके पास काम का बहुत कम अनुभव है या बिलकुल ही अनुभव नहीं है। जो भी एलीजीबल हों वे यह जानने के लिए एक लिखित और मौखिक परीक्षा दे सकते हैं कि क्या वे वाईपीपी सहभागियों के जॉब रोस्टर (job roster) में जगह पाने के लिए क्वालिफ़ाई करते हैं या नहीं। जो लोग वाईपीपी के जॉब रोस्टर में होते हैं उन्हें, उपलब्ध होने पर, वाईपीपी जॉब दिये जाते हैं। वाईपीपी के लिए एलीजीबल होने के लिए निम्न आवश्यकताएँ हैं: 32 वर्ष या उससे कम की आयु होनी चाहिए कम से कम एक प्रस्तावित जॉब परिवार में प्रथम स्तर की विश्वविद्यालय डिग्री होनी चाहिए[३] अंग्रेज़ी या फ़्रेंच में फ़्लूएंट होना चाहिए भाग लेने वाले किसी राष्ट्र का नागरिक होना चाहिए “My UN” अकाउंट के लिए रजिस्टर करिए: यूएन इम्प्लॉइमेंट वेबसाइट के टॉप पर “Register as a User” विकल्प पर क्लिक करिए। आपको अपना नाम, ईमेल, जन्म तिथि भरने की ज़रूरत होगी, इसके साथ ही आपको एक यूज़र नेम और पासवर्ड भी बनाना होगा। अपनी “Personal History Profile” (PHP) बनाइये: जब आप रजिस्टर कर लेंगे तब आपको पीएचपी बनाने के लिए प्रॉम्प्ट किया जाएगा। यह प्रोफ़ाइल आपकी गोपनीय ऑनलाइन रिज़्युमे होगी, और इसमें आपके बारे में सभी सामान्य जानकारी, आपकी शिक्षा और आपके इम्प्लॉइमेंट का इतिहास होगा। आप चाहें तो पीएचपी तुरंत पूरा कर सकते हैं, या बाद में भी उसको पूरा कर सकते हैं। इसे पूरा करने में आपको 30 मिनट से एक घंटा लग सकता है, और आप कभी भी अधूरी प्रोफ़ाइल को सेव कर सकते हैं और उसे पूरा करने के लिए कभी भी वापस लौट सकते हैं। यह सुनिश्चित करिए कि "Country of Nationality" की जगह में आप वाईपीपी कार्यक्रम में भाग लेने वाले किसी राष्ट्र का नाम भरें। जॉब के लिए आवेदन करें: वाईपीपी उम्मीदवार के रूप में आपको "YPP Examination" लेबल किया हो जॉब चुनना चाहिए। उस जॉब परिवार में जॉब चुनिये जिसमें आपकी दिलचस्पी हो और जिसके लिए आप क्वालिफ़ाइड हों। “Main Course of Study” और “Field of Study” के सही कॉम्बिनेशन (combination) को भरिए जो आपकी डिग्री और जॉब की जरूरतों से मैच करता हो। आप एक परीक्षा के लिए एक ही आवेदन कर सकते हैं।[४] फ़ॉर्म पूरा करने के बाद, अपने आवेदन को जमा करने के लिए "Apply Now" पर क्लिक करिए। आपको कुछ स्क्रीनिंग प्रश्नों का जवाब देना होगा, और आवेदन को सफलतापूर्वक जमा करने के लिए उन टर्म्स (terms) को स्वीकार करना होगा। आपका आवेदन प्राप्त हो जाने की पुष्टि आपको एक ईमेल से प्राप्त होगी। आपके आवेदन का इवैल्यूएशन (evaluation) किया जाएगा और आपको या तो परीक्षा देने के लिए आमंत्रित किया जाएगा या आपको सूचित किया जाएगा कि आप उसके लिए एलीजीबल नहीं हैं।लिखित परीक्षा दीजिये: अगर आप एलीजीबल होंगे, आपको लिखित परीक्षा देने के लिए आमंत्रित किया जाएगा। वह 4 ½ घंटे चलती है और उसके दो भाग होते हैं: सामान्य पेपर जो सभी जॉब परिवारों के लिए एक ही होगा और विशेष पेपर जो आपकी किसी खास क्षेत्र में विशेषज्ञता का परीक्षण करने के लिए होता है। अगर आप लिखित परीक्षा पास कर लेंगे, तब आपको मौखिक परीक्षा के लिए बुलाया जाएगा। मौखिक परीक्षा दीजिये: यह एक इंटरव्यू होता है जो स्पेशलाइज्ड बोर्ड (Specialized Board) द्वारा यह जानने के लिए आयोजित किया जाएगा कि क्या आपके पास वह कौशल और व्यवहार है जिसकी आवश्यकता उस जॉब परिवार के जॉब्स के लिए होती है जिसमें आप आवेदन कर रहे होंगे। परीक्षा के बाद, यह बताने के लिए आपसे केंद्रीय परीक्षा बोर्ड द्वारा संपर्क किया जाएगा कि आपको वाईपीपी में भाग लेना है अथवा नहीं। केंद्रीय परीक्षा बोर्ड का एंडोर्समेंट (endorsement) प्राप्त करिए: अगर आप इंटरव्यू में सफल हो जाएँगे, तब केंद्रीय परीक्षा बोर्ड आपको वाईपीपी रोस्टर में पोजीशन के लिए एंडोर्स कर देगा। जब भी उचित जॉब परिवार में जॉब उपलब्ध होगा, आपको प्रस्ताव मिलेगा। एंडोर्समेंट प्राप्त करने का स्वतः यह मतलब नहीं होता कि आपको काम मिल जाएगा। हालांकि संभावना काफ़ी अधिक होती है, मगर प्रस्ताव मिलना आपके जॉब परिवार में जॉब की उपलब्धि पर निर्भर करता है। अगर आपका इंटरव्यू असफल होता है, तब आपको यह बताने के लिए केंद्रीय परीक्षा बोर्ड से संपर्क किया जाएगा कि आपको एंडोर्समेंट मिलेगा या नहीं। अपना आवेदन भरने में बहुत सावधानी बरतिए। स्पेलिंग की ग़लतियों, जानकारी में कमी, घटिया व्याकरण आदि से बचिएगा। याद रखिए कि आपकी एक छोटी सी भूल भी आपके आवेदन को रद्द करवा सकती है, और रिक्रूटर्स के पास तो आवेदनों का अंबार होता है। बेशक ईमेल और टेलीफ़ोन से और अधिक जानकारी प्राप्त करने का प्रयास करिए। पूछने वाली बात यह है कि क्या वह पोजीशन ऐसी है जिस पर कोई ऐसा वर्तमान निम्न स्तर का यूएन कर्मचारी जो अभी काम कर रहा है जो वहीं पर स्थाई होना चाहता है। इससे आपको यह समझ में आयेगा कि आपका मुक़ाबला किस से है। साथ ही, चकित मत हो जाइयेगा यदि आपको जानकारी मिलने में कठिनाई का सामना करना पड़े। जेंडर (gender) से लाभ हो सकता है: यूएन चार्टर के आर्टिकल 8 में संकेत दिया गया है, "यूनाइटेड नेशन्स पुरुषों और स्त्रियॉं की किसी भी कैपेसिटी (capacity) और बराबरी की परिस्थिति में अपने प्रमुख तथा सहयोगी ऑर्गन्स (organs) के लिए एलिजिबिलिटी में कोई प्रतिबंध नहीं लगाएगा।" मगर यूएन की रिक्रूटमेंट नीति (एसटी/ए/आई/2006/3, सेक्शन 9.3) के अनुसार यदि दो उम्मीदवार किसी एक भूमिका के लिए उचित पाये जाते हैं, तब महिलाओं को एलीजिबिलिटी लाभ दिया जाता है। अगर उनमें से एक महिला है, और दूसरा पुरुष है, और अगर महिलाएं उस स्तर/डिवीज़न में अंडर रिप्रेज़ेंटेड होंगी तब वह पोज़ीशन महिला उम्मीदवार को दे दी जाएगी। जेंडर (गेंदर) संतुलन का पुरुषों के लिए भी विचार किया जाता है। हालांकि अधिकांश प्रोफ़ेशनल स्तर की भूमिकाओं में वे ओवर रिप्रेज़ेंटेड होते हैं और सामान्य सेवा स्तर की भूमिकाओं में अंडर रिप्रेज़ेंटेड होते हैं (महिलाओं के विपरीत)। किसी को भी रोस्टर में रखा जा सकता है (उनकी आरक्षित सूची जिनको केंद्रीय समीक्षा बॉडी द्वारा एंडोर्स तो किया गया था मगर जिनका चयन नहीं हुआ)। 2012 से, रोस्टर सदस्यता, अनिश्चित होती है। यह कभी भी बदल सकती है। जल्दी आवेदन करिए। यूएन रिक्रूटर्स अंतिम समय पर दिये गए आवेदनों को पसंद नहीं करते हैं। आप यह भी आश्वस्त हो सकते हैं कि अंतिम समय पर बहुत सारे आवेदन आएंगे, इसलिए अगर आपका आवेदन उनमें से एक होगा तब उसकी उतनी गहन जांच नहीं हो पाएगी। देर से आए हुये आवेदन स्वीकार नहीं किए जाते। लोग जिनको यूएन में काम मिलता है आम तौर पर संगठन के अंदर लोगों को जानते हैं। वे पता लगा लेते हैं कि किस प्रकार पीएचपी फ़ॉर्म को सही तरीके से भरा जाये और भली भांति समझा जाये कि यूएन आखिर क्या चाह रहा है। आप किसे जानते हैं? पता लगाइए कि आप कैसे कुछ ऐसे लोगों को जान सकते हैं जो आपकी मदद कर सकेंगे। हालांकि मुंह ज़बानी सिद्धांतों की बात की जाती है, मगर उनाइटेड नेशन्स में सदैव ही केवल मेरिट के आधार पर चुनाव नहीं होता है। इसके अतिरिक्त, राष्ट्रों के कोटे (quota) और राष्ट्रों के प्रति पूर्वाग्रहों का भी ध्यान रखिएगा। ये वहाँ पर आपके प्रवेश के पक्ष या विपक्ष दोनों के लिए काम कर सकते हैं। चेतावनी पोज़ीशन को संपर्क के लिए उपलब्ध होने के लिए लंबे समय तक प्रतीक्षा करने को तैयार रहिए। आठ (8) महीने का समय असामान्य नहीं है। इससे सावधान रहिएगा कि यूनाइटेड नेशन्स का काम बहुत चुनौतीपूर्ण, चमक दमक वाला, “दुनिया बचाने वाला” वैसा काम नहीं होगा जिसका आपको इन्तजार था। अपनी रिसर्च करिए और उन किताबों को देखिये जिन्हें उन लोगों ने लिखा हो जिन्होंने यूनाइटेड नेशन्स में काम किया हो। हालांकि वेतन और भत्ते अच्छे होते हैं, मगर कर्मचारियों का जल्दी ही मोहभंग हो कर अफ़सरशाही से दम घुटता है, वहाँ पर क्रिएटिविती (creativity) नहीं होती है, पहल के इस्तेमाल में अक्षमता होती है, तथा परिवारवाद और पक्षपात होता है। इसके बावजूद, चीज़ें तब तक नहीं सुधारेंगी जब तक आदर्शवादी, दृढ़ संकल्प वाले और प्रतिबद्ध लोग वहाँ नहीं पहुंचेंगे और उसे बेहतर नहीं बनाएँगे। बस यह है, कि उसके सकारात्मक और नकारात्मक दोनों पहलुओं को जान लीजिये। जब तक आपसे कहा न जाये, तब तक अपने संबंध में अतिरिक्त जानकारी मत भेजिये। ऐसा करने से आपके रिक्रूटर चिढ़ जाते हैं, और उन्हें लगने लगता है कि आप आधिकारिक प्रक्रिया से बाहर जा रहे हैं तथा इसका बहाना ले कर वे आपको नज़रअंदाज़ कर सकते हैं। अगर आपको इंटरव्यू के लिए बुलाया जाता है, तब वही आपका मौका होता है जब आप चमक सकते हैं। किसी ऐसे जॉब के लिए, चाहे अनचाहे आवेदन मत करिए, जिसके लिए आप क्वालिफ़ाइड न हों, क्योंकि इंटरव्यू लेने वालों की याददाश्त दीर्घजीवी होती है और वे विशाल इम्प्लॉइमेंट पूल में से आपको छाँट कर निकाल देने के किसी भी बहाने का लाभ उठा सकते हैं। पिछले आवेदन आपकी इम्प्लॉइमेंट फ़ाइल में रहेंगे, इसलिए बुद्धिमानी से काम लीजिये। यूएन सामान्य आवेदन या रिज़्युमे स्वीकार नहीं करता है। जब तक कि अन्यथा न कहा गया हो, आपको वेकेन्सीज़ के लिए आवेदन करने हेतु ऑनलाइन आवेदन प्रणाली का ही इस्तेमाल करना चाहिए। अगर आप इतने भाग्यशाली होते हैं कि वहाँ तक पहुँच सकें तब कठोर इंटरव्यू प्रक्रिया के लिए तैयार रहिए। प्रक्रिया में आगे जाने के लिए उसके अनेक राउंड्स हो सकते हैं।

अपने प्रोडक्ट के बारे में स्टडी करे

किसी प्रोडक्ट को बेचना, कोई बहुत मुश्किल काम नहीं होता है। एक बहुत बेसिक लेवल पर, एक सेल्स प्रोग्राम को मुख्य रूप से, आप क्या बेचते हैं, आप उसे किस को बेच रहे हैं और आप उसे कैसे बेचते हैं, से परिभाषित किया जाता है। इसके अलावा, सेल्स में आपके प्रोडक्ट और कस्टमर्स की सारी डीटेल्स पर फोकस रखना शामिल होता है। सेल्स प्रोग्राम के चलते वक़्त, आपको बदलते हुए ट्रेंड्स पर और साथ ही अपने कस्टमर्स की जरूरतों या चाहतों की ओर ध्यान देते रहना होता है। इन बदलावों की तरफ ध्यान देते हुए, आप आपके प्रोग्राम को एडजस्ट करने के काबिल हो जाएंगे और अपनी सेल्स को स्ट्रॉंग भी बनाए रख सकते हैं। अपने प्रोडक्ट के बारे में स्टडी करें:[१] अगर आप प्रोडक्ट के बारे में जानकारी दे सकेंगे और कस्टमर्स के मन में मौजूद सवालों के जवाब दे सकेंगे, तो उन्हें ऐसा लगेगा, कि आपको सच में प्रोडक्ट की परवाह है। अगर आप प्रोडक्ट को काम की चीज़ मानते हैं, तो इससे उन लोगों के द्वारा भी ऐसा ही किए जाने की संभावना बढ़ जाएगी। अपने प्रोडक्ट के बारे में अंदर से लेकर बाहर तक, सब कुछ मालूम रखना बेहद जरूरी होता है। अगर कस्टमर के द्वारा पूछिए हुई किसी बात का जवाब आपको न मालूम हो, तो कुछ ऐसा बोलकर देखें, “मुझे इसका एकदम सही जवाब तो मालूम नहीं है, लेकिन मैं एक बार इसे देखना चाहूँगा, और जवाब मिलते ही, फौरन वो आपको बता दूँगा। जब मुझे इसका जवाब मिल जाएगा, तब उसे आप तक कैसे पहुंचाना है?” कस्टमर्स के सामने प्रोडक्ट की सुविधाओं पर ज़ोर दें: सही लोगों तक अच्छे प्रोडक्ट की जानकारी पहुंचाने के साथ ही, प्रोडक्ट्स की क्वालिटीज को एक लाभ के तौर पर दर्शाना भी बेहद जरूरी होता है। इस तरह से कस्टमर्स के लिए ये देख पाना आसान हो जाता है, कि उन्हें इस प्रोडक्ट को क्यों खरीदना चाहिए। इस तरह की चीजों के बारे में सोचकर देखें: क्या ये प्रोडक्ट कस्टमर्स की लाइफ को और भी आसान बना देगा? क्या इस प्रोडक्ट से लग्जरी होने जैसा फील होता है? क्या वो प्रोडक्ट कोई ऐसी चीज़ है, जिसे काफी सारे लोगों के द्वारा इस्तेमाल किया जा सकता है? क्या वो प्रोडक्ट कोई ऐसी चीज़ है, जिसे काफी लंबे वक़्त तक यूज किया जा सकता है? प्रोडक्ट के बारे में अच्छी तरह से एक्सप्लेन किए जाने की पुष्टि कर लें: अगर आप एक डाइरैक्ट-पर्सन-टू-पर्सन सेल्स नहीं कर रहे हैं, फिर आपको इस बात की पुष्टि करना होगी, कि रिटेल पैकेजिंग, पॉइंट-ऑफ-पर्चेज डिस्प्लेज और किसी भी तरह के मार्केटिंग मटेरियल्स पर प्रोडक्ट के बारे में सही जानकारी दी जा रही है।[३] फिर भले आप प्रोडक्ट को डाइरैक्टली सेल कर रहे हों या फिर सिर्फ एक पिच तैयार कर रहे हैं, डिस्प्ले पर प्रोडक्ट के बारे में अच्छी जानकारी रखना, कस्टमर्स को इसकी तरफ खिंचे चले आने के लिए तैयार कर सकता है। बस प्रोडक्ट की सारी इन्फोर्मेशन के, सच्चे, पूरे और इन्फोर्मेटिव होने की पुष्टि जरूर कर लें। प्रोडक्ट पैकेजिंग और मार्केटिंग मटेरियल्स पर यूज की जाने वाली लेंग्वेज के स्पष्ट, डाइरैक्ट और पढ़ने में आसान होने की पुष्टि कर लें।कुछ वक़्त और पैसा लगाकर, आपके प्रोडक्ट, पैकेजिंग और मार्केटिंग मटेरियल्स के अच्छे, हाइ-क्वालिटी फोटोज, अलग-अलग कलर्स बगैरह के साथ नजर आने की पुष्टि करें। प्रोडक्ट से अपने लगाव को शेयर करें:एक अच्छा सेल्सपर्सन बेचे जाने वाले प्रोडक्ट के ऊपर पूरा भरोसा करता है और उसके इसी लगाव को कस्टमर तक भी पहुंचाता है। प्रोडक्ट के लिए अपने लगवा को दिखाने के काफी सारे तरीके मौजूद हैं। बॉडी लेंग्वेज और टोन को नजरअंदाज मत करें। अगर आप प्रोडक्ट के बारे में स्पष्ट रूप से बोलते हैं और उसके बारे में डिस्कस करते वक़्त अपने एक्स्प्रेशन दिखाते हैं, तो आप एक तरह की एनर्जी और उत्साह को उन तक पहुंचा देंगे। वहीं दूसरी तरफ, अगर आप कस्टमर्स के सवाल पूछने पर बुदबुदाते रहेंगे या अपनी आर्म्स को चेस्ट के सामने क्रॉस कर लेंगे, तो इससे ऐसा लगेगा, कि आप एकदम अलग हैं, और आपको प्रोडक्ट के बारे में कोई परवाह नहीं है। आप या दूसरे खुश कस्टमर्स प्रोडक्ट को किस तरह से यूज करते हैं, को बताने के लिए तैयार रहें। प्रोडक्ट के बारे में बताई हुई खास कहानियाँ, कस्टमर्स को उससे जोड़ने में मदद करती हैं। उदाहरण के लिए, अगर आप एक शैम्पू बेच रहे हैं, तो आप कस्टमर्स से कुछ ऐसा बोल सकते हैं: “मेरे बाल बहुत फ्रिजी (उलझे हुए से) रहा करते थे, लेकिन जब से मैंने इसे यूज करना शुरू किया है, ये अभी जैसे काफी स्मूद और स्ट्रेट हो गए हैं।” कस्टमर्स के मन में उठने वाले सवालों को पहचानें: आपको प्रोडक्ट के बारे में, कस्टमर्स के मन में उठने वाले सारे सवालों के जवाब देते आना चाहिए, लेकिन फिर भी सबसे जरूरी, आपको उन सवालों को पहचानते आना चाहिए। इससे ऐसा लगता है, कि आप कस्टमर्स की जरूरतों को समझते हैं। उन जरूरतों के बारे में बातें करते वक़्त, अपने आप को कस्टमर्स के साथ इमोशनली कनेक्ट करने की पुष्टि कर लें। अपने खास कस्टमर्स के बारे में सोचें। उन्हें किस बात से प्रेरणा मिलती है? उनकी जरूरतें क्या हैं? क्या वो यंग हैं? धनवान हैं? क्या उनकी फ़ैमिली (बीबी-बच्चे बगैरह) हैं? एक बार जब आपके मन में आपके कस्टमर्स के बारे में एक अंदाजा बैठ जाए, फिर सोचकर देखें, कि आपका प्रोडक्ट किस तरह से उनकी जरूरतों को पूरा कर सकता है या उनकी इच्छाओं को साकार कर सकता है। कस्टमर्स के साथ में बात की शुरुआत करने की प्रैक्टिस करें: अगर आप डाइरैक्ट सेल्स में काम कर रहे हैं, आपके द्वारा लोगों के साथ जुड़ने का तरीका बहुत जरूरी होता है। उन से "क्या मैं आपकी मदद कर सकता/सकती हूँ" जैसे क्लोज-एंडेड क्वेश्चन करने के बजाय, "क्या आप अपने लिए किसी चीज़ की तलाश कर रहे/रही हैं? या फिर किसी स्पेशल इंसान के लिए गिफ्ट खरीदना चाह रहे हैं?"इसके साथ ही, अपने प्रोडक्ट के बारे में ऐसे कुछ रिमार्क्स देने के लिए भी तैयार रहें, जो कस्टमर्स का इन्टरेस्ट जगा सकें और एक गहरी बातचीत की शुरुआत करें। उदाहरण के लिए, अगर आप क्लॉथिंग रिटेल में हैं, तो आप ऐसा बोल सकते हैं: “आपको मालूम है, आजकल ए-लाइन कुर्ते बहुत पॉपुलर हैं। क्या आपने उन्हें ट्राइ किया?” कस्टमर की जरूरतों को, प्रोडक्ट की खासियत में बदल दें: मार्केटिंग में, इसे "पोजीशनिंग" के नाम से जाना जाता है और इसमें कस्टमर की आशाओं और इच्छाओं को प्रोडक्ट के साथ जोड़ना शामिल होता है। किसी भी प्रोडक्ट की पोजीशनिंग करते वक़्त कुछ बातें ध्यान में रखी जाना चाहिए प्रोडक्ट को मार्केट में मौजूद बेस्ट की रेंज में रखें। प्रोडक्ट को खरीदे जा सकने या बजट में आने के मामले में बहुत हाइ और लग्जरी के मामले में बहुत कम मत दिखाएँ। प्रोडक्ट के बारे में बातों को, इसे बेचे जाने वाले इंसान के हिसाब से ही पोजीशन करें। आपके पास में काफी सारी अलग-अलग बातें हो सकती हैं, लेकिन आप उन स्किल्स को किस तरह से सेल के लिए यूज करते हैं, वो पूरी तरह से आपके ऊपर डिपेंड करता है। बातों को बढ़ा-चढ़ाकर मत बोलें या न ही ज्यादा झूठ बोलें। प्रोडक्ट की पोजीशनिंग धारणा बनाने के बारे में है, धोखे से नहीं। बातों को कुछ इस तरह से पोजीशन करें, ताकि उसकी वजह से प्रोडक्ट खुद-ब-खुद ऊँचा उठ जाए। इसका मतलब, कि प्रोडक्ट से जुड़े हुए, चाहे जाने वाले, पॉज़िटिव वैल्यूज वही हैं, जो इसे बेचते हैं। इसे करने में महारथ रखने वाली कंपनी में, डिजाइनर आइटम्स या लेबल्स भी शामिल हैं। सोचकर देखें, कि आपका प्रोडक्ट किस तरह से कस्टमर की लाइफ़स्टाइल या वैल्यूज से कनेक्ट करेगा, न कि केवल एक फ़ंक्शन के साथ। उदाहरण के लिए, अगर आप किसी धनी बुजुर्ग इंसान को एक हाइ-एंड मिनीवेन बेचने की कोशिश कर रहे हैं, तो आपको इसके लग्ज़रीयस फीचर्स के बारे में मेंशन करना होगा। इसे करने के लिए ऐसी बातें बोलें: “इसके वुड ट्रिम की तरफ ध्यान दें—ये बहुत खूबसूरत है। उसकी लैदर शीट्स को देखिए-ये कितनी कम्फ़र्टेबल हैं। ये एक खूबसूरत सनसेट ड्राइव के लिए एकदम परफेक्ट रहेगी।” हालांकि, अगर आप उसी मिनीवेन को तीन बच्चों वाली एक फ़ैमिली को बेच रहे हैं, तो फिर आप इसके ज्यादा उपयोगी फीचर्स के बारे में ज़ोर देकर बता सकते हैं। उदाहरण के लिए, आप ऐसा कुछ बोल सकते हैं: “ये जो तीसरी शीट है, इसमें कार्टिंग फ्रेंड के लिए काफी सारी जगह मिल जाती है। जब भी आपको ग्रोसरी रखने, स्पोर्टिंग गियर और इसी तरह की चीजों की जरूरत होती है, तो आप इसे फ़ोल्ड भी कर सकते हैं। और क्या मैंने आपको साइड एयर बैग्स और एंटी-लॉक ब्रेक्स के बारे में बताया है?” अपने प्रोडक्ट को लेकर ईमानदार रहें: लोग केवल तभी आपके प्रोडक्ट को लंबे वक़्त तक यूज करने वाले हैं, जब आप उनके साथ ईमानदारी से बात करेंगे। इसका मतलब अपने प्रोडक्ट की डिलिवरी इन्फोर्मेशन के बारे में ईमानदार रहना और साथ ही अपने द्वारा की हुई किसी गलती या गड़बड़ को भी स्वीकार करना। ईमानदारी से घबराएँ नहीं; इससे भरोसे बनते हैं। अगर आप कभी भी अपने कस्टमर्स के सवालों के जवाब नहीं दे पाते हैं या उन्हें उनकी जरूरत की चीज़ नहीं दे पाते हैं, तो फिर जितना जल्दी हो सके, बाद में उनके साथ इसके बारे में बात जरूर कर लें। इस बात की पुष्टि कर लें, कि आपके कस्टमर्स को मालूम है, कि वो उनके मन में उठे सवालों या परेशानियों के जवाब पाने के लिए कभी भी आपके पास आ सकते हैं। अगर कभी भी ऐसा होता है, कि वो प्रोडक्ट किसी कस्टमर के हिसाब से ठीक नहीं है, तो आप उसके बारे में ईमानदार रहें और फिर कस्टमर को उसकी जरूरत के हिसाब से चीज़ें ढ़ूँढ़ने में मदद करें। फिर भले आप आज कोई सेल नहीं कर पाते हैं, आपकी ईमानदारी और उदारता को याद रखा जाएगा और ये शायद आपकी फ्यूचर सेल में भी काम आ सकता है। उदाहरण के लिए, अगर आप किसी ऐसे कस्टमर को एक स्पोर्ट्स कार बेचने की कोशिश कर रहे हैं, जिसने आपको बातों-बातों में बताया है, कि उसके पाँच बच्चे हैं, जिन्हें वो रोज स्कूल तक छोड़ने जाता है, तो आप ऐसा कुछ बोल सकते हैं: “अगर ऐसी बात है, तो आपके लिए शायद एक मिनीवेन या एसयूवी (SUV) ज्यादा सही रहेगी। लेकिन अगर आप कभी भी सेकंड हैंड गाड़ी की तलाश करते हैं, तो मेरे पास वापस आना और मुझे बताना, मैं एक अच्छी डील दिलाने में आपकी मदद कर दूंगा।” सेल को क्लोज कर दें: सेल क्लोज करने की कई स्टाइल्स और मेथड्स मौजूद हैं, लेकिन सबसे प्रभावी में से एक ट्रिक है, ABC: "Always Be Closing"[१२] जैसे ही आप प्रोडक्ट में, खरीददार के इन्टरेस्ट होने की पुष्टि कर लेते हैं, तो फिर इस तरह से क्लोज करने की कोशिश करें, "क्या यही वो प्रोडक्ट है, जिसकी तलाश में आप हैं?" या “तो आपको क्या कागता है? ये आपकी जरूरतें पूरी कर सकेगा, क्या?” कस्टमर्स को सोचने का पूरा वक़्त दें: बहुत ज्यादा भी दबाव बनाना, कई खरीददारों को दूर ले जा सकता है।वो शायद घर वापस जाना चाहेंगे और ज्यादा इन्फोर्मेशन निकालने के लिए जल्दी से एक ऑनलाइन सर्च करेंगे। उन्हें अपने उत्साही और सपोर्टिव पिच को ध्यान में रखते हुए, ऐसा करने दें। अगर आप सच्चे, मददगार, दूसरे का ध्यान रखने वाले और उत्साही रहेंगे और आपके द्वारा दी हुई इन्फोर्मेशन उनके द्वारा ऑनलाइन पढ़ी हुई इन्फोर्मेशन से मैच हो जाती है, तो संभावना है, कि वो वापस आपके प्रोडक्ट को लेने जरूर आएंगे। कभी-कभी, आपके कस्टमर्स को ही आगे बढ़कर आने देने में भलाई होती है। उन्हें सोचने का वक़्त दें और जब वो ऐसा करें, तब आप शांत रहें। और इन्फोर्मेशन भी केवल तभी दें, जब उन्होने आप से इसे माँगा हो। अपने कस्टमर्स को कभी-भी आपको कांटैक्ट करने की जानकारी दिए बिना, वहाँ से मत जाने दें। अगर आप किसी स्टोर पर या किसी साइट पर काम कर रहे हैं, तो पुष्टि कर लें, कि आपके कस्टमर्स को, आपको फिर से कांटैक्ट करने का तरीका (खासकर, अगर आप यहाँ-वहाँ जाते रहते हैं) मालूम है। अपने कस्टमर्स को इस तरह से बताने की पुष्टि कर लें, "अगर आपको कभी भी जरूरत पड़े, तो मैं आपको यहाँ, इसी काउंटर पर मिल जाऊंगा/जाऊँगी," या "अगर आपके मन में कोई भी सवाल आए, तो बस किसी भी सेल एशोसिएट से मुझे बुलाने का कह दें।" आप चाहें तो कस्टमर्स को अपनी कांटैक्ट इन्फोर्मेशन भी दे सकते हैं, ताकि जब भी उनके मन में कोई सवाल आए या किसी इन्फोर्मेशन की जरूरत पड़ने पर, वो आपको कांटैक्ट कर सकें। कस्टमर को अपना बिजनेस कार्ड या और कोई कांटैक्ट इन्फोर्मेशन दे दें और ऐसा कहें: "अगर आपके मन में कोई भी सवाल आए, तो मुझे कॉल करें और आप मुझे वीकडेज़ में, स्टोर की इसी जगह पर पा सकते हैं।" अपनी खुद की बुद्धि का यूज करें। अगर आपको लगता है, कि कस्टमर बस खरीददारी करने ही वाला है, तो बहुत ज्यादा दखलअंदाजी किए बिना, उनके आसपास ही रहें। आपको कस्टमर के द्वारा आसानी से ढ़ूँढ़े जाने लायक बने रहना है। वो कस्टमर उस चीज़ को खरीदने का फैसला करे और फिर आपको ही न ढ़ूंढ़ पाए, ऐसा तो आप नहीं चाहेंगे। किसी भी प्रोडक्ट को एंड सेल तक ले जाने के लिए जरूरी सभी पहलुओं से खुद को परिचित रखें: एक ओनर सेल्सपर्सन की तरह, मतलब कि, वो इंसान जो प्रोडक्ट को बेचे जाने वाले बिजनेस का मालिक है, आपके पास में खरीददारों के साथ में सिर्फ इंटरेक्शन करने से कहीं ज्यादा प्रभाव डालने की काबिलियत है। इस आर्टिकल में दी हुई बाकी की स्ट्रेटजीस के साथ, आप आपकी सेल्स को इम्प्रूव करने के लिए दूसरे फंक्शन्स को भी यूज कर सकते हैं। एडवर्टाइजिंग, मर्चेंडाइजिंग और मार्केटिंग सेल्स के लिए काफी जरूरी सपोर्ट फंक्शन होते हैं।सेलिंग ही इन सपोर्ट फंक्शन्स का असली लक्ष्य होता है और एक अच्छे ओनर सेल्सपर्सन को इन सबके बारे में अच्छी तरह से जानकारी रखना चाहिए। अपनी सेल्स परफ़ोर्मेंस को रिव्यू करें:आपको रेगुलर इंटरवल्स में अपनी सेल्स को एनालाइज करते रहना चाहिए। क्या प्रोडक्ट अच्छी तरह से सेल हो रहा है? क्या स्टॉक हाइ या लो है? क्या आपको फायदा हो रहा है? आपके प्रतिद्वंद्वी किस तरह से परफ़ोर्म कर रहे हैं? इन सवालों के जवाब देने में काबिल होकर, आपको अपनी सेल्स को बढ़ाने मेम मदद मिलेगी और आपकी ग्रोथ भी स्थिर बनी रहेगी। अगर जरूरत पड़े, तो सेल्स ट्रबलशूट (समस्या निवारण) करें: अगर आप ठीक तरह से सेल नहीं कर रहे हैं, तो आपको प्रॉब्लम-सॉल्विंग मोड में एंटर करना होगा। अपनी सेल्स को इम्प्रूव करने में, अपने प्रोडक्ट के ऊपर फिर से आंकलन करना, कस्टमर बेस और मार्केटिंग शामिल होगा। वक़्त-वक़्त पर अपनी स्ट्रेटजीस को बदलते रहें। अगर कस्टमर हमेशा बस एक ही तरह के सेल्स रूटीन को सुनते रहेंगे या हमेशा डिस्प्ले मंथ इन और मंथ आउट को देखते हैं, तो आपका प्रोडक्ट उन्हें बेकार लगना शुरू हो जाएगा। अगर कोई प्रोडक्ट सही ढ़ंग से नहीं सेल हो रहा है, उस प्रोडक्ट को हटाने का विचार करें। इसे नष्ट करने के लिए, स्टॉक को डिस्काउंटेट प्राइज़ पर बेचा जा सकता है। अपने टार्गेट मार्केट को रिव्यू करें और अपने सेल्स फोकस को शार्प करें। आपके प्रोडक्ट के खरीददार शायद बदल भी सकते हैं और आपको उनके साथ में बने रहना चाहिए या फिर एक नया मार्केट चुन लें। प्रोडक्ट डिजाइन, डिस्ट्रीब्यूशन, पैकेजिंग बगैरह को री-इवेल्यूएट करें। अपने टार्गेट मार्केट और सेल्स की स्ट्रेटजी के साथ प्रोडक्ट को ध्यान में रखते हुए, अपनी बिक्री में सुधार कर सकते हैं। अपने प्रोडक्ट के प्राइज़ को बदलें। अपने सेल्स डेटा और प्रतिद्वंदियों के परफ़ोर्मेंस के बारे में स्टडी करके, आप खुद ही जान सकेंगे, कि आप आपके प्रोडक्ट को बहुत ज्यादा दाम पर बेच रहे हैं या फिर बहुत कम। अपने प्रोडक्ट को एक्सक्लूजिव बनाएँ या सिर्फ लिमिटेड टाइम के लिए ही उपलब्ध बनाएँ। कभी-कभी, इस तरीके से की हुई कंट्रोलिंग सप्लाइ डिमांड और सेल्स को बढ़ा देती हैं। हालांकि, इस ट्रिक के, अपनी ओवरऑल स्ट्रेटजी के ऊपर काम करने की पुष्टि जरूर कर लें। अगर आप प्रोडक्ट को रोज़मर्रा के यूज के लिए परफेक्ट प्रोडक्ट की तरह मार्केटिंग कर रहे हैं, तो इसे एक्सक्लूजिव बनाना आपके काम नहीं आएगा।

अपनी स्किल समझें और ऐसा विकल्प चुनें जो आपके शौक के मुताबिक हो

  • अगर आपको सामान्य 9-5 की नौकरी नहीं करनी है जहाँ आपको दिन भर एक जगह पर बैठे रहना होता है, तो ऐसी नौकरी ढूँढें जिसमें आपको घूमने का मौका मिले | आप काम के लिए कई तरीकों से घूम सकते हैं, जैसे ट्रेवल इंडस्ट्री में काम करके, अंतराष्ट्रीय संसथान का हिस्सा बन के और विदेश में पढ़ा कर | अपनी स्किल समझें और ऐसा विकल्प चुनें जो आपके शौक के मुताबिक हो और घूमने पर भी आपको पैसा कमाने दे! फ्लाइट अटेंडेंट (flight attendant) बन कर अपने काम के तहत दुनिया भर घूमें: फ्लाइट अटेंडेंट हर रोज़ यात्रा करते हैं और कई बार उन्हें खूबसूरत स्थानों पर रात बिताने का मौका मिलता है | इसके साथ उन्हें एक अच्छी आमदनी और डिस्काउंटेड फ्लाइट जैसे फायदे भी मिलते हैं | आपको फ्लाइट अटेंडेंट की नौकरी मिलने के लिए सर्विस इंडस्ट्री या कस्टमर सर्विस में अनुभव होना चाहिए |[१] फ्लाइट अटेंडेंटस की नौकरी के लिए हर एयरलाइन की नियुक्ति निर्देश अलग अलग होते हैं | सामान्य तौर पर, आपकी सेहत अच्छी, लम्बे समय तक अपने पैरों पर खड़े रहने की क्षमता. और ओवरहेड बिन्स तक पहुँचने की क़ाबलियत होनी चाहिए | बहुत सी एयरलाइन अपनी वेबसाइट पर फ्लाइट अटेंडेंट के पद के लिए इश्तिहार देती हैं | आपके क्षेत्र में जो एयरपोर्ट्स हैं उसमें आने वाली एयरलाइन के नाम से खुली नौकरियों के लिए सर्च कर लें | ये मालूम होना ज़रूरी है की फ्लाइट अटेंडेंट को अक्सर लम्बे घंटो तक काम करना पड़ता है, ख़ास तौर से शुरूआती नौकरी में, और तब आप ये भी नहीं चुन पाएंगे की आप किस स्थान पर जाने वाली फ्लाइट का हिस्सा बनना चाहेंगे | टिप: अन्य स्किल जैसे दूसरी भाषा का ज्ञान होना, सीपीआर (CPR), और फर्स्ट ऐड में अनुभव भी आपको फ्लाइट अटेंडेंट की नौकरी दिलवा सकते हैं मुफ्त कमरे की सहूलियत के साथ क्रूज शिप पर नौकरी कर के सारी दुनिया घूमें: क्रूज शिप पर काम करने से आपको सदा घूमने की नौकरी मिल जाएगी और उसके बदले में आपको अच्छी सैलरी और मुफ्त में शिप पर रहने का मौका भी मिलेगा | ऑनलाइन सर्च कर के पता करें की क्या आपके अनुभव और रूचि के मुताबिक कोई क्रूज शिप नौकरिया उपलब्ध हैं |[२] क्रूज शिप्स तैरने वाले छोटे शहरों जैसे होती हैं, इसलिए आप उस पर किसी भी प्रकार की नौकरी पा लेने की उम्मीद रख सकते हैं | रेस्टोरेंट के बैरों से लेकर मनोरंजन करने वालों तक, क्रूज शिप्स पर सभी प्रकार के अनुभव और रूचि वाले लोगों की ज़रुरत रहती है | ये समझें की क्रूज शिप पर नौकरी करना सिर्फ मस्ती और उल्लास नहीं होता है | आपको लगातार घंटों तक मुश्किल काम करने होंगे | लेकिन, इसके बदले में आप दूर दुनिया के अलग बंदरगाह में रुक कर दुनिया देखने का मौका मिलता है | सामान्य तौर पर, क्रूज शिप्स सभी बढे बंदरगाह से निकलते हैं, तो अगर आप किसी ऐसे शहर में रहते हैं जो बंदरगाह नहीं है तो आपको क्रूज शॉप पर काम करने के लिए किसी ऐसे शहर में जाना होगा | ट्रेवल और अकोमोडेशन पर अच्छी डील्स पाने के लिए ट्रेवल एजेंट बन जाएँ: अगर आपने अपना काफी सारा समय अन्य स्थानों घूमने में लगाये हैं, तो आप ट्रेवल एजेंट के तौर पर उपयुक्त रहेंगे | ट्रेवल एजेंट अपने क्लाइंट्स को अकोमोडेशनस, मनोरंजन, डाइनिंग, और अन्य आकर्षण से जुड़ी बेहतरीन राय दे पाते हैं |[३] वैसे तो ट्रेवल एजेंट्स को घूमने के लिए पैसे नहीं मिलते हैं, उन्हें अक्सर होटलस और टूर्स पर डील मिलती है ताकि वो उन्हें अपने क्लाइंट्स को सुझा सकें | अगर आप ट्रेवल एजेंट के तौर पर काम कर रहे हैं, तो आप दुनिया भर के अलग स्थानों के लिए फ्लाइट्स पर सर्वोत्तम डील ढूंढना भी सीख जायेंगे | ऑनलाइन बुकिंग साइट्स और ट्रेवल कमपैरिसन साइट्स में बढ़त होने से, ट्रेवल एजेंट की नौकरियों में कमी देखी जा रही है | फिर भी, बहुत सारे ऐसे लोग हैं जो ट्रेवल एजेंट पर भरोसा करते हैं क्योंकि उनके पास ट्रेवल के सर्वोत्तम विकल्प देने का अनुभव और ज्ञान होता है | अगर आपको किसी स्थान का ज्ञान है और आप लोगों को आकर्षित कर सकते हैं तो टूर गाइड बन जाएँ: किसी बढ़ी टूर कंपनी, जो आपको अलग स्थानों पर टूर ग्रुप्स ले जाने का मौका दे, की नौकरी के लिए आवेदन दें | इसके इलावा एक और विकल्प है की आप अलग स्थानों पर जा कर स्थानीय टूर गाइड की नौकरी ढूंढ लें | सफल टूर गाइड बनने के लिए आपको किसी स्थान की जानकारी जिसमें वहां का इतिहास शामिल है, होनी चाहिये | अगर आपको किसी स्थान के बारे में कुछ भी नहीं मालूम है, तो पहले सारी जानकारी हासिल करें और फिर ही टूर गाइड की नौकरी ढूँढें | ये ध्यान में रखें की टूर गाइड की नौकरी सीज़न के मुताबिक होती है | अगर आप उस स्थान के टूरिज्म के मुताबिक बेहतरीन सीजन में जायेंगे तो आपको स्थानीय टूर गाइड की नौकरी पाने में आसानी होगी | अगर आपको टूर गाइड की तरह सफल होना है तो आपको लोगों के बढ़े ग्रुप को संभाल कर उनकी रूचि टूर में बनाये रखने की कला आनी चाहिए | किसी अविकसित देश में गरीब लोगों की सहायता के लिए एटलस कोर्प (Atlas Corp) का हिस्सा बनें: एटलस कोर्प भारतीय नागरिकों के लिए सरकारी सहायता का संस्थान है | आप एटलस कोर्प्स की वेबसाइट https://atlascorps.org/ पर जा कर पता कर सकते हैं की कैसे वहां नौकरी मिल सकती हैं और किस प्रकार के पद रिक्त हैं | लेकिन ये ध्यान रहे की एटलस कोर्प्स के लिए काम करना लक्ज़री घूमने से भिन्न है | अधिकतर समय उन्हें कम सुविधाओं वाले दूर दराज स्थान पर जाना पड़ सकता है | इसके इलावा बहुत ज्यादा पैसा कमाने की उम्मीद नहीं करें, आपको ठीक ठाक आमदनी और अकोमोडेशन मिलेगी, पर ये कार्य पैसे कमाने से ज्यादा दुनिया की सेवा करने से जुड़ा है | जो व्यक्ति एटलस कोर्प्स के लिए काम करते हैं उन्हें भारत वापस आने पर सरकारी नौकरी में फायदा मिल सकता है | अगर आप विदेश में किसी विदेश सेवा या डिप्लोमेट का काम करना चाहते हैं तो भी ये उपयोगी साबित होता है | अपनी देश का प्रतिनिधित्व करते हुए एक फॉरेन सर्विस वर्कर (foreign service worker ) बनें: फॉरेन सर्विस वर्कर विदेश यात्रा कर के वहीँ रहते हैं, और आप्रवासन, कूटनीति और अंतर्राष्ट्रीय सहायता जैसे मुद्दों पर अपने देश के प्रतिनिधि बनते हैं | अपने देश में फॉरेन सर्विस जॉब पाने के लिए ऑनलाइन निर्देशों के लिए सर्च करें |[६] हर देश की अलग फॉरेन सर्विस जॉब के निर्देश होते हैं | सामान्य तौर पर, आपको अपने देश के इस विभाग में अपने लिए करियर चुनने से पहले एक क्वालिफिकेशन टेस्ट पास करके अपनी योग्यता साबित करनी होगी | उदाहरण के तौर पर, अगर आप भारत के नागरिक है तो आप सरकारी वेबसाइट https://www.mea.gov.in/indian-foreign-service.htm पर जा कर सभी बातों के बारे में पता कर सकते हैं | दुनिया भर में लोगों की सहायता करने के लिए NGO के साथ काम करें: कई ऐसी गैर सरकारी और अंतर्राष्ट्रीय नॉन प्रॉफिट संस्थानें हैं जहाँ आप ट्रेवल करने के साथ साथ मानवाधिकार और आपदा राहत जैसे मामलों में मदद कर सकते हैं | अलग संस्थानें अलग प्रकार के नौकरी के क्षेत्रों के लिए लोगों की तलाश करती हैं, इसलिए अपने लिए उपयुक्त संस्थान पाने के लिए क्षोध करना नहीं भूलें | NGO के उदाहरण हैं डॉक्टर्स विदाउट बॉर्डर्स (Doctors Without Borders), द रेड क्रॉस (the Red Cross), और गूँज (Goonj) | NGO के साथ नौकरी पाने के लिए स्वास्थ्य या समाज सेवा में अनुभव होना कारगर साबित होता है | उदाहरण के तौर पर डॉक्टर्स विदाउट बॉर्डर्स ऐसे मेडिकल छात्र और मेडिकल प्रोफेशनल्स को नौकरी देता है जो दूर दराज के इलाकों और आपदा ग्रस्त इलाकों में लोगों और समुदायों को स्वास्थ्य सेवा प्रदान कर सकें | फॉरेन ऐड संस्थान में काम करना शारीरिक और मानसिक तौर पर मुश्किल साबित हो सकता है आपको अक्सर ज़िन्दगी की कटु सच्चाईयां जैसे लड़ाई और बीमारी का सामना करना पड़ सकता है और साथ ही कम सुविधाओं वाले स्थानों पर भेजा जा सकता हैं, लेकिन अगर आप इस नौकरी में मेहनत कर लेते हैं, तो आप दुनिया भर में मोजूद कई लोगों के जीवन में परिवर्तन ला सकते हैं अगर आपको बच्चों का ख्याल रखना अच्छा लगता है तो ओ पेअर ( au pair) की नौकरी ढूँढें: ओ पेअर एक अंतरराष्ट्रीय नैनी होती है जो विदेश में परिवार के साथ रहकर उनके बच्चों का ख्याल रखती है | ऑनलाइन आपको कई ऐसी साईट मिलेंगी जो बच्चों का ख्याल रखने वाले कर्मचारियों को विदेश के परिवारों से मिलाती हैं |[८] ओ पेअर की तरह आपकी आमदनी आप जिस देश या कार्यक्रम का हिस्सा हैं उस पर निर्भर होती है | आपको उस परिवार के साथ रहने का मौका मिलेगा, और साथ ही निजी खर्चों के लिए कुछ पैसा भी दिया जायेगा | ओ पेअर बनने का सबसे बढ़ा फायदा है की वो परिवार आपको घूमने जाने पर अक्सर बच्चों पर ख्याल रखने के लिए साथ लेकर जाएगा | इसके इलावा आप वीकेंड पर मिले खाली समय का उपयोग कर उसी देश के आस पास के हिस्से देख सकते हैं, या पड़ोस के देशों की यात्रा भी कर सकते हैं | अगर इंग्लिश आपकी प्राथमिक भाषा है तो विदेश में उसे पढ़ाने की नौकरी लें: TEFL या TESOL जैसी संस्थाओं के साथ ESL टीचर की तरह सर्टिफाइड हों और अपने लिए नौकरी के मौकों को बढाएं | इंग्लिश के शिक्षकों के लिए पूरी दुनिया के कई देशों में काफी मांग है, तो आपको जहाँ जाना है उस बात पर निर्भर आपको नौकरी के मौके सहज तरीके से मिल जायेंगे |[९] कोरिया और जापान जैसे एशियाई देश इंग्लिश के शिक्षको को अच्छी आमदनी और घर तक देने के लिए प्रसिद्ध हैं | अगर आप विदेश में एक सफल जीवन व्यतीत करना चाहते हैं तो इन देशों में मौकों की तलाश कीजिये | अगर आपके पास बैचलर डिग्री और शिक्षा का अनुभव है तो आपको इंग्लिश की शिक्षा दे कर ज्यादा आमदनी पाने के अधिक मौके मिल पाएंगे | अगर आपको एक से ज्यादा भाषा का ज्ञान है तो ट्रांसलेटर बन जाएँ: दुनिया भर में लोगों को आपस में बात करने में मदद करने के लिए किसी लैंग्वेज सर्विस प्रोवाइडर (language service provider) के साथ नौकरी ढूँढें | कम से कम दो भाषाओँ का ज्ञान, और कंप्यूटर और बिज़नेस स्किल्स होने से आपको ट्रांसलेटर की नौकरी मिल जाएगी |[१०] जिन देशों में सबसे ज्यादा लैंग्वेज सर्विस प्रोवाइडर्स हैं उनमें शामिल हैं यूनाइटेड किंगडम, संयुक्त राज्य अमेरिका, फ्रांस, चीन, इटली, जापान, स्वीडन, लक्जमबर्ग और चेक गणराज्य | अगर आपको लिखने और घूमने का शौक है तो ट्रेवल राइटर बन जायें: ट्रेवल राइटर की तरह काम करने का सबसे अच्छा तरीका है फ्रीलांस करना | कई पब्लिकेशनस आपकी नयी घूमने के गंतव्यों और सबसे हटके लिखी गयी ट्रेवल कहानियों के लिए पैसे देने को तैयार होंगी |

सांड अपने ख़तरनाक व्यवहार के लिए कुख्यात होते हैं, और वैसे भी उनको पालना महँगा सौदा होता है।

डेयरी फ़ार्म शुरू करने के लिए, मीट (meat) के काम की तुलना में कहीं अधिक धन और पूँजी की आवश्यकता होती है। डेयरी फ़ार्म शुरू करने से पहले जान लीजिये कि आप क्या करने जा रहे हैं और उस काम की शुरुआत आप कैसे करेंगे। भले ही आप ग्रामीण परिवेश में बड़े हुये हों, अपना मैनेज (manage) करने का मतलब होता है कि ध्यानपूर्वक योजना बनाने के लिए आपको देर तक बैठना पड़ सकता है। इस गाइड से आपको इसमें मदद मिलेगी, मगर याद रखिएगा कि किसी भी किसान के लिए स्थानीय जानकारी बेशकीमती होती है। प्रजातियों और ब्रीड (breed) की जानकारी लीजिये: आम तौर पर गाय, बकरियाँ (छोटे फ़ार्म के लिए ठीक होती हैं) या भैंस (दक्षिण एशिया में) डेयरी के लिए अच्छे पशु होते हैं। इनमें से प्रत्येक की अनेक डेयरी ब्रीड होती हैं और उनमें से चुनने के लिए स्थानीय जानकारी सबसे अच्छा तरीका होता है। निर्णय में सहायता लेने के लिए स्थानीय सरकारी संस्थाओं, विश्वविद्यालय के कृषि एक्स्टेंशंस (extensions), तथा स्थापित डेयरी फ़ार्मों से जानकारी प्राप्त करिए। ऐसी ब्रीड्स को तो छोड़ ही दीजिये जो आपके यहाँ के मौसम को सहन न कर सकें। दूध की प्रति इकाई की उत्पादन लागत की गणना करने के लिए प्रत्येक ब्रीड के वार्षिक दूध उत्पादन से वार्षिक रखरखाव को भाग दीजिये। क्या उस ब्रीड के दूध की (प्रजाति और दूध में वसा के प्रतिशत के आधार पर) स्थानीय मांग है? मक्खन और चीज़ का (जहां पर अधिक वसा % की ज़रूरत होती है) क्या हाल है? मादा बछड़े को दुधारू पशु बनने में कितना समय और पैसा लगेगा? नर बछड़े को कितने मैं बेच पाएंगे? भोजन के स्त्रोत के बारे में सोच लीजिये: कन्सेण्ट्रेटेड फ़ीड (Concentrated feed) में परिश्रम तो कम लगता है मगर वे महंगी होती है। नए फ़ार्मों में अक्सर मैनेजमेंट इंटैन्सिव रोटेशनल ग्रेज़िंग (Management Intensive Rotational Grazing) (एमआईआरजी) का अनुपालन करके लागत में कटौती की जाती है।[१] अपने यहाँ ज़मीन के किरायों को देखिये और तय करिए कि प्रति एकड़ उसमें कितने पशु पाले जा सकते हैं। पशुओं को अपने वज़न के लगभग 4% के बराबर चारा प्रतिदिन चाहिए होता है। आदर्श परिस्थितियों में आपके चारागाह पीक सीजन में इससे अधिक उगना चाहिये ताकि आप सर्दियों के मौसम के लिए भी भंडारण कर सकें।[२] नए फ़ार्म के लिए ज़मीन को किराये पर लेना, उसे ख़रीदने से अच्छा होता है। जब तक आपका फ़ार्म भली भांति स्थापित न हो जाये और आपको वित्तीय लचीलेपन की आवश्यकता न रह जाये तब तक प्रतीक्षा करिए। ब्रीडिंग की एक योजना तैयार करिए: सांड अपने ख़तरनाक व्यवहार के लिए कुख्यात होते हैं, और वैसे भी उनको साल भर पालना महँगा सौदा होता है। सुरक्षित विकल्प यह होता है कि ब्रीडिंग के समय या तो सांड की सेवा किराये पर प्राप्त कर ली जाये, या आर्टीफ़ीशियल इन्सेमिनेशन (artificial insemination) एआई (AI)) का सहारा लिया जाए। एआई सदा ही सबसे सस्ता विकल्प होता है, और जब उसे सही तरीके से (किसी प्रशिक्षित एआई तकनीशियन द्वारा) किया जाए तब उसकी सफलता की संभावना उतनी ही या उससे अधिक ही होती है।[३] भारत और अनेक अफ़्रीकी देशों में आर्टीफ़ीशियल इन्सेमिनेशन कार्यक्रम अब बहुत प्रचलित हैं। बचत तो उतनी नहीं होती और कार्यक्रमों की गुणवत्ता भी अलग-अलग होती है, मगर तब भी आम तौर पर ये उपयोगी होते हैं। समूह में नर:मादा अनुपात प्रजातियों और नर की उम्र पर निर्भर करता है। एक युवा साँड आम तौर पर 20-25 गायों की सेवा कर सकता है, जबकि एक स्वस्थ, परिपक्व साँड 40 तक की कर सकता है। फ़ार्मिंग की प्रथाओं का अध्ययन करिए: अगर आपके पास पहले से डेयरी फ़ार्मिंग का अनुभव नहीं है तब कुछ समय निकाल कर ब्रीडिंग, काविंग (calving), गोबर प्रबंधन, वीनिंग (weaning), गायों को दुहना, तथा फ़सल मैनेजमेंट का ज्ञान प्राप्त कर लीजिये। फ़ार्मिंग के लिए बहुत सारा समय, काम और ज्ञान चाहिए होता है इसलिए इस काम में आँखें खोल कर ही हाथ डालिए। अगर आपके लिए यह सब नया है तब पहले किसी और डेरी फ़ार्म पर काम करने का कुछ अनुभव प्राप्त कर लीजिये। पूँजी में निवेश करिए: फ़ार्म शुरू करने के लिए पहले एक बड़ा एकमुश्त ख़र्चा करना पड़ता है। स्थापित डेयरी फ़ार्म खरीदने से काम थोड़ा आसान हो जाता है, और अगर आप थोड़ी बहुत मरम्मत खुद करने को तैयार हों तब आप कुछ पैसे बचा भी सकते हैं। चाहे आप खरीदें या ख़ुद से शुरू करें, यह सुनिश्चित कर लीजिये कि आपके पास निम्न सुविधाएँ उपलब्ध हों: दूध एकत्र करने के लिए स्टराइल (sterile), और अगर आपके यहाँ आवश्यक हो तो पैश्च्यूराइज (pasteurize) करने का स्थान उपलब्ध हो सूखे, छत वाले शेड या बाड़े जो बरसात और तापमान में परिवर्तन से बचा सकें खूँटे वाले दूध निकालने के स्थान फ़ीड भंडारण तथा खाद भंडारण की जगह बछड़ों के रहने की अलग जगह इक्विपमेंट (Equipment) (जिनमें ट्रैक्टर भी शामिल हैं) तथा इक्विपमेंट रखने की जगह पशुओं को पानी देने के लिए कुआँ, चारागाहों में स्थित तालाबों तक पानी ले जाने की प्रणाली चारागाह की सिंचाई प्रणाली (वैकल्पिक) पशुओं के अच्छे स्त्रोत खोजिए: खरीदने से पहले सभी डेयरी पशुओं को ख़ुद देखिये, और दूध के अनेक टेस्ट भी कर लीजिएगा। पशु स्वस्थ होना चाहिए और उसे बीमारियों के टीके लगे होने चाहिए। आदर्श तो यह होता है कि पशु को बिआने के तुरंत बाद (दूसरे या तीसरे लैकटेशन (lactation) पर ही खरीद लिया जाये (जबकि दूध का उत्पादन सर्वोच्च होता है)।[९] पशुधन का दूसरा आधा ख़रीदने के लिए तब तक रुकिए जब तक कि पहला समूह ड्राई न होने वाला हो जाए, ताकि आपके फ़ार्म पर पूरे वर्ष भर दूध का उत्पादन होता रहे। स्थानीय दूध बाज़ार की रिसर्च करिए: अगर आप कुछ ही पशुओं से शुरुआत कर रहे हों तब पास पड़ोस के किसानों से बात करके सलाह लीजिये कि किन स्थानीय दुकानों और व्यक्तियों को आप दूध बेच सकते हैं। अगर पशुधन थोड़ा बड़ा हो तब, आप स्थाई आमदनी के लिए दूध को किसी ऐसी कंपनी को बेच सकते हैं जो कि वितरण का काम संभाले। सरकार से संपर्क करिए: हो सकता है कि फ़ार्म चलाने के लिए, दूध बेचने के लिए, ज़मीन की सिंचाई करने के लिए, और/या सहायता के लिए स्टाफ़ रखने के लिए स्थानीय या राज्य सरकार से कुछ परमिट प्राप्त करने हों या कुछ काग़जी कार्यवाही करने की ज़रूरत हो। बिज़नेस प्लान बनाइये: अपने सभी वित्तीय अनुमानों को एक ऐसे प्लान में डाल दीजिये जिसमें आपके पहले कुछ सालों की बातें हों। ऊपर दी गई ज़रूरी चीज़ों के अतिरिक्त प्रति पशु के पशु चिकित्सक से देखभाल की अनुमानित लागत, और जो मज़दूर आप रखने जा रहे हैं उन पर होने वाला अनुमानित ख़र्च शामिल करना याद रखिएगा। इसके अलावा, लाभ के अतिरिक्त स्त्रोत का भी ध्यान रखिएगा: गोबर की बिक्री। बैंक से ऋण लेने से पहले, कृषकों के लिए ऋण और सब्सीडी के बारे में जानने के लिए सरकारी संस्थाओं से संपर्क करिए। अपने भविष्य के लाभ का अनुमान लगाने के लिए पिछले कुछ सालों के दूध के औसत दाम (या उससे कुछ कम) को इस्तेमाल करिएगा। आप नहीं चाहेंगे कि दूध का दाम गिरने से आपका व्यापार घाटे में चला जाये। मोटे तौर पर, एक मज़दूर की ज़रूरत प्रति दस दुधारू पशुओं पर, और एक की प्रति 20 "ड्राई" पशुओं के लिए पड़ेगी। प्रत्येक पशु को मार्क (mark) कर लीजिये: यह मान लेते हैं कि आपके पास एक से अधिक पशु हैं, तब उन्हें अलग-अलग पहचानने के लिए आपको उन्हें मार्क करना होगा। इससे आपको पशु विशेष द्वारा दिये गए दूध की मात्रा और उसकी बीमारी वगैरह का हिसाब रखने में मदद मिलेगी। इसका एक सामान्य तरीका है कि उनको टैग लगा दिये जाएँ। बीमारी को फैलने से रोकिए: हमेशा स्वस्थ पशु खरीदिए और अपने फ़ार्म तक लाते समय उन्हें दूसरे पशुओं से अलग रखिए। हमारी सलाह तो यही है कि नए ख़रीदे पशुओं को (और बीमार पशुओं को) क्वारंटाइन (quarantine) में रखा जाये, विशेषकर तब, जबकि उनके हाल के, विश्वसनीय स्वास्थ्य रिकॉर्ड उपलब्ध न हों। आपकी स्थानीय सरकार या पशु चिकित्सक आपको उस क्षेत्र की बीमारियों के बारे में विशेष सलाह दे सकते हैं। जब फ़ार्म्स आपस में इक्विपमेंट साझा करते हैं, तब बीमारियाँ फैल सकती हैं। यह पुष्टि करने की कोशिश करिए कि इक्विपमेंट का इस्तेमाल कहाँ हुआ था और क्या वहाँ पर पशु स्वस्थ थे। पशुधन के लिए बीमारी फैलाने वाले पिस्सू प्रमुख समस्या होते हैं।पशुओं की पिस्सुओं के लिए नियमित रूप से जांच करिए, और शेड (shed) के क्षेत्र में ब्रश (brush) मत रहने दीजिये। पशुओं को उचित पोषण दीजिये: मवेशी और पशुओं को खिलाना एक जटिल समस्या हो सकती है। अनेक प्रकार का चारा और पौधे होते हैं जिनमें अलग अलग मात्रा में ऊर्जा, प्रोटीन, रफ़ेज (roughage), तथा अन्य पोषक तत्व होते हैं। कोई पशु चिकित्सक या स्थानीय किसान आपको उपलब्ध भोजन में से चुनने में मदद कर सकता है। मिनरल लिक्स (Mineral licks) तथा मिनरल सप्लीमेंट (mineral supplement) पशुओं की डायट का प्रमुख हिस्सा होते हैं। फफूँदी लगी हुई फ़ीड से या ऐसी फ़ीड से जो कीटनाशकों या अन्य प्रदूषित करने वाली चीज़ों के आसपास स्टोर की गई हो, दूध में खतरनाक टॉक्सिन पहुँच सकते हैं।[१४] मीट के लिए पाले गए पशुओं की तुलना में दुधारू पशुओं को अधिक पोषण की ज़रूरत होती है। अनुचित पोषण से या तो दूध का उत्पादन कम हो सकता है या उसकी क्वालिटी खराब हो सकती है। पशु को अक्सर दुहिए: दुधारू पशु को सामान्यतः दिन में दो से तीन बार दुहा जाना चाहिए। पशु को किसी साफ जगह ले जाइए। दूध दुहने से पहले अपने हाथ और जानवर के थनों को धो कर सुखा लीजिए।[१५] अगर आपने पहले कभी किसी पशु को नहीं दुहा हो, तब बकरी या गाय का दूध निकालना सीख लीजिये। ब्रीडिंग साइकल (breeding cycle) समझ लीजिये: आपको मादा पशु को नियमित रूप से दुहना होगा ताकि वे जितनी जल्दी संभव हो उतनी जल्दी दूध देने योग्य हो सकें। ब्रीडिंग, काविंग (calving), तथा बछड़ों की वीनिंग (weaning) के पशु की पोषण जरूरतों, स्वास्थ्य तथा बेशक उसकी दूध की उत्पादन क्षमता पर प्रभाव पड़ते हैं। गायों के बारे में हमारी गाइड से आपको बेसिक जानकारी मिल सकती है, मगर प्रजाति और आयु के आधार पर इसमें बदलाव हो सकता है। मीट के लिए पशुपालन करने वालों से अलग, दूध का उत्पादन स्थिर रखने के लिए आप पूरे साल काविंग करते रहेंगे। इसका हिसाब रखना की प्रत्येक पशु अपनी साइकल में कहाँ पर है महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे आप एक ऐसे प्लान पर टिके रह सकते हैं जिससे आपको यथासंभव नियमित आमदनी होती रहे। अपने पशुधन में परिवर्तन को भी प्लान करिए: पशु को रखना है, बेचना है या क़साई को देना है, यह डेयरी किसान के लिए सबसे महत्वपूर्ण प्रश्नों में से एक है। कलिंग (Culling) से आप कम उत्पादकता वाले पशु के स्थान पर बेहतर क्वालिटी का रिप्लेस्मेंट (replacement) ला सकते हैं, और अपने पशुधन की जेनेटिक क्वालिटी (genetic quality) को भी सुधार सकते हैं। ये दोनों ही बातें महत्वपूर्ण हैं, मगर बिना किसी प्लान के इनको करने से जानवरों के रिप्लेस्मेंट के लिए आपको भारी कीमत चुकानी पड़ सकती है।[१६] इस बात को अपने बिज़नेस प्लान में ध्यान में रखिएगा, और प्रत्येक बछड़े/बछिया को पैदा करने की कीमत/का लाभ उसमें शामिल करिएगा। डेयरी चलाने में मवेशियों का स्वास्थ्य बहुत महत्वपूर्ण होता है। दुधारू गायें बहुत आसानी से बीमार हो सकती हैं, और मीट के लिए पाली जाने वाली गायों की तुलना में उनके पाँवों और थनों में चोट की संभावना भी अधिक होती है, और उनमें काविंग के बाद मिल्क फीवर (milk fever) और कीटोसिस (ketosis) होने की प्रवृत्ति भी अधिक होती है। यह सुनिश्चित करिए कि उनको दुहते समय आपके क्रियाकलाप अच्छे हों ताकि आप अपनी गायों को अधिकाधिक सहज बना सकें। बछड़ों को कम से कम एक महीने तक दूध पीने दीजिये ताकि उन्हें पर्याप्त शक्ति मिल सके। गोबर में से बहुत बदबू आती है। इसलिए उसे बाड़ों में पड़ा मत रहने दीजिये। एक ऐसा सिस्टम बनाइये जिससे उसे बाड़ों से हटा कर लैगून्स (lagoons) में ले जाया जा सके, ताकि मल मूत्र में से पैदा होने वाली अमोनिया की गंध को कम से कम किया जा सके। पशुओं के लिए जाड़े का समय कठिन हो सकता है। उनका बाड़ा भली भांति सुरक्षित होना चाहिए या कोई ऐसी इमारत होनी चाहिए जहां जाड़े और ठंडक तथा ठंडी हवाओं से उनको बचाया जा सके। यह सोच कर इस काम में हाथ मत डालिएगा कि यह कोई आसान काम है। आप सुबह से शाम तक इसमें व्यस्त रहेंगे और आप गायों का दूध निकालने से लाल फ़ीता शाही से निबटने से ले कर मशीनें ठीक करने तक सब कुछ करते रहेंगे। विश्वसनीय मज़दूर होने से मदद हो जाती है, मगर फार्म को स्मूथली (smoothly) चलाने के लिए आपको उनकी निगरानी करनी होगी। डेयरी फार्म शुरू करना बहुत महँगा सौदा है। सहारे के लिए कोई दूसरा काम हुये बिना इसके लिए बहुत ऋण लेना बड़ा जोखिम हो सकता है, क्योंकि अनाज के या दूध के दामों में ज़रा भी परिवर्तन आपको दीवालिया कर सकता है।

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